होली पर निबंध 400 शब्दों में|Essay on Holi in 400 words
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होली पर निबंध 400 शब्दों में। Essay on Holi in 400 words |
होली पर निबंध 100 शब्द में Eassy on Holi in 100 words
होली पर निबंध 100 शब्द में Eassy on Holi in 100 words:- रंगों का त्योहार होली भारत में हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है। यह एकता का त्योहार है क्योंकि यह लोगों को उनकी जाति या धर्म की परवाह किए बिना एक साथ लाता है। भारत में होली ज्यादातर दो दिनों तक मनाई जाती है। पहले दिन को ‘होलिका दहन’ के नाम से जाना जाता है। लोग, इस दिन, लकड़ियों और गाय के गोबर के ढेर जलाकर और भजन गाकर त्योहार मनाते हैं।
दूसरा दिन मौज-मस्ती का दिन होता है क्योंकि सभी उम्र के लोग एक साथ गुलाल और रंगीन पानी से खेलते हैं। इस दिन गुजिया जैसी मिठाई बनाई जाती है और लोग ठंडाई पीते हैं। इस त्योहार का महत्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन क्रूर राजा हिरण्यकश्यप ब्रह्मा जी द्वारा वरदानित, अपने पुत्र प्रह्लाद की मृत्यु का आदेश दिया, जो उसकी बहन होलिका प्रह्लाद को आग में लेकर बैठती है. हालाँकि, यह भगवान विष्णु थे जिन्होंने प्रह्लाद को बचाया और फिर क्रूर राजा को मारने के लिए आधे पशु, आधे देवता रूप में बदल गए।
होली पर निबंध 150 शब्द में Eassy on Holi in 150 words
होली पर निबंध 150 शब्द में Eassy on Holi in 150 words:- होली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह रंगों का त्योहार है। होली का त्योहार वसंत ऋतु में दो दिनों तक मनाया जाता है। उत्सव की शुरुआत त्योहार से एक रात पहले होलिका दहन से होती है और अगले दिन को होली कहा जाता है।
होली के मौके पर लोगों में काफी खुशी है। वे अपनी चिंताओं और चिंताओं को भूल जाते हैं। वे स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। उन्होंने नए कपड़े पहने। वे एक दूसरे पर रंगीन पानी छिड़कते हैं। वे दूसरों के चेहरों पर रंगीन पाउडर बिखेरते हैं। वे गाते हैं, नाचते हैं और उछल-कूद करते हैं। वे ढोल बजाते हैं और होली के गीत गाते हैं। वे लगभग खुशी से पागल हैं। वे भूल जाते हैं कि वे क्या हैं। शाम को वे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिलने जाते हैं। वे एक दूसरे को गले लगाते हैं। वे दूसरों के चेहरे पर अबीर का धब्बा लगाते हैं।
होली एक खुशी का अवसर है जब हम सभी के साथ खुलकर घुलमिल जाते हैं। हम अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक भेद को भूल जाते हैं। त्योहार का यह रंग लोगों को एक करता है और जीवन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर करता है।
होली पर निबंध 200 शब्द में Eassy on Holi in 200 words
होली पर निबंध 200 शब्द में Eassy on Holi in 200 words:- भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर विभिन्न धर्मों को मानने वाले और विभिन्न त्यौहार मनाने वाले लोग रहते हैं। भारत के त्यौहारों में से एक प्रमुख त्यौहार है होली का त्यौहार जिसे रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली के त्यौहार को बसंत ऋतू के फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली के त्यौहार को भक्त प्रहलाद के आग से बचने और उनके पिता की बहन होलिका के आग में जलने की खुशी में मनाया जाता है।
आज के दिन प्रहलाद के पिता की बहन प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर चिता पर बैठी थी क्योंकि होलिका को एक चुंदरी के रूप में यह वरदान प्राप्त था कि जब तक वह चुंदरी उसके पास है आग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।लेकिन आज के दिन भक्त प्रहलाद के प्राण बच गए थे और होलिका के पास वरदान होते हुए भी वह आग में जलकर राख हो गई थी जिसकी खुशी में लोगों में एक-दूसरे पर गुलाल और रंग बिखेरे थे जिसकी वजह से आज के दिन को होली के नाम से मनाया जाने लगा था। हर साल की तरह होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जिसके अगले दिन लोग खुशी से एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं।
होली पर निबंध 250 शब्द में Eassy on Holi in 250 words
होली पर निबंध 250 शब्द में Eassy on Holi in 250 words:- रंगों का त्योहार होली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे प्रतिवर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है होली का त्यौहार मुख्य रूप से 2 दिनों तक मनाया जाता है पहले दिन होलिका दहन किया जाता है जिसमें हम लकड़ियों को इकट्ठा करते हैं फिर उसकी पूजा की जाती है ढोल नगाड़े बजाए जाते हैं तब बड़े धूमधाम के साथ होलिका दहन किया जाता है|
उसके दूसरे ही दिन रंग गुलाल से होली मनाते हैं जिसमें हम रंग गुलाल को एक दूसरे को लगाकर गले मिलते हैं होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इस दिन हम पुराने गिले-शिकवे दुश्मनी आदि को भूल कर बड़े धूमधाम से इसे बनाते हैं रंग गुलाल के द्वारा हम हमारे दोस्तों पड़ोसियों आदि से के साथ मिलकर बड़े धूमधाम के साथ होली का त्यौहार मनाते हैं|
बच्चे पिचकारी की सहायता से होली खेलते हैं इस त्यौहार में बच्चे बूढ़े महिलाएं सभी लोग भाग लेते हैं और इसे बड़े धूमधाम से इस त्योहार को मनाते हैं तथा रंग गुलाल से एक दूसरे को रंगते हैं|
होली क्यों मनाते हैं होली का त्यौहार हम प्रतिवर्ष मनाते हैं यह काफी प्राचीन और पुराना त्योहार है इसे हम कई सालों से मनाते आ रहे हैं होलीका अपने घमंड में चूर होकर पहलाद जी को जलाने का प्रयास किया था होलिका ने प्रहलाद को अपने गोद में बैठाकर जलाकर भस्म करने का प्रयास किया था लेकिन इसमें पहलाद ना जलकर होलीका ही जल गई थी|
साथी होलिका का अपना घमंड भी इसके साथ जल गया था और पहलाद इस अग्नि से बज गए थे क्योंकि वे सच का प्रतीक थे इसलिए हम प्रतिवर्ष बुराई पर अच्छाई की जीत के अवसर पर होलिका का त्यौहार मनाते हैं और इसी खुशी मे हम रंग गुलाल आदि का उपयोग करके इसका इस त्योहार को मनाते हैं|
होली पर निबंध 300 शब्द में Eassy on Holi in 300 words
होली पर निबंध 300 शब्द में Eassy on Holi in 300 words:- प्रस्तावना: होली सभी का सबसे पसंदीदा त्योहार है क्योंकि इसमें बहुत सारी खुशियाँ और उल्लास होता हैं। यह हर साल विशेष रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह आमतौर पर मार्च के महीने (या फाल्गुन) में वसंत के मौसम की शुरुआत में आता है। हर कोई इस त्योहार का बहुत उत्साह के साथ इंतजार करता है और इसे मनाने की विशेष तैयारी करता है।
होली क्यों मनाते हैं: होली मनाने के पीछे प्रह्लाद की एक बड़ी कहानी है। एक बार प्रह्लाद (जो भगवान के बहुत बड़े भक्त थे) को उनके ही पिता ने मारने की कोशिश की क्योंकि उन्होंने भगवान के स्थान पर अपने ही पिता की पूजा करने से इनकार कर दिया था। उसकी चाची होलिका, प्रह्लाद के पिता के आदेश पर उसे अपनी गोद में रखकर अग्नि में बैठ गई।
लेकिन भगवान् ने प्रह्लाद को बचा लिया और होलिका को जलते रहने दिया। उस दिन से, हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोग बुराई पर अच्छाई की विजय को याद करने के लिए हर साल होली का त्योहार मनाने लगे।
होलिका दहन: होली के त्योहार से एक दिन पहले, लोग उस दिन को याद करने के लिए होलिका के जलते हुए रात में लकड़ियों और गोबर के कंडे का ढेर जलाते हैं। कुछ लोग होलिका में प्रत्येक परिवार के सदस्य की सरसों उबटन ’की मालिश को जलाने की विशेष रस्म का पालन करते हैं, यह मानते हुए कि यह घर और शरीर से सभी बुराइयों को दूर करेगा और घर में खुशी और सकारात्मकता लाएगा।
निष्कर्ष: लोग अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ रंगों से खेलते हैं। घर के बच्चे एक दूसरे को रंग भरे गुब्बारे फेंकने या पिचकारी का उपयोग करके इस दिन का आनंद लेते हैं। सभी लोग गले मिलते हैं और एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार और स्नेह दिखाते हुए माथे पर ‘अबीर’ और ‘गुलाल’ लगाते हैं। इस दिन के लिए विशेष तैयारी की जाती है जैसे कि मिठाई, चिप्स, नमकीन, दही बडे, पानी पूरी, पापड़ी, आदि की व्यवस्था होली का त्योहार है जो लोगों में प्यार और सद्भाव फैलाता है।
होली पर निबंध 400 शब्द में Eassy on Holi in 400 words
होली पर निबंध 400 शब्द में Eassy on Holi in 400 words:- प्रस्तावना: भारत में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक त्योहार है ‘होली का’ जिसे रंगों का त्योहार कहा जाता है। यह त्यौहार फागुन माह में मार्च के महीने में पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली के सम्बन्ध में कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं, जिनमें एक कथा राक्षस हिरणकश्यप और उसकी बहन होलिका से संबंधित है।
हिरणकश्यप की बहन होलिका के पास एक चादर थी, जिसे ओढ़कर अग्नि में बैठने से अग्नि उसे जलाती नहीं थी। इसलिए भक्त प्रहलाद को मारने के लिए वह भक्त प्रहलाद को लेकर जलती आग में बैठ गई।
किन्तु भगवान विष्णु की कृपा से वह चादर भक्त प्रहलाद पर आ गई और होलिका जल गई। इस उपलक्ष्य में बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए होली मनाई जाती है।
पौराणिक महत्व: होली त्यौहार से कई प्रकार की पौराणिक कथाएँ संबंधित है, लेकिन सबसे अहम और महत्वपूर्ण कथा राजा हिरण्यकश्यप और उनकी बहन होलिका से संबंधित है। राक्षसराज हिरणकश्यप की एक बहन थी,
जिसका नाम होलिका था उसे भगवान ब्रह्मा से यह वरदान (एक चादर) प्राप्त था कि वह उसे ओढ़कर अग्नि में बैठ सकती थी और अग्नि उसका कुछ अहित नहीं कर पाती थी। इधर हिरणकश्यप अपने पुत्र भक्त प्रहलाद से काफी परेशान हो गया था। हिरणकश्यप भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानता था। इसलिए हिरणकश्यप ने अपनी बहन होलिका को यह आदेश दिया कि वह उसे लेकर आग में बैठ जाए जिससे भक्त प्रहलाद जलकर मर जाए।
अपने भाई की आज्ञा पूर्ति के लिए राजभवन के बीचो बीच आग जलाई गई, जिसमें होलिका बैठ गई है, किंतु दुर्भाग्य से होलिका का चादर उड़कर भक्त पहलाद पर आ गया जिससे होलिका जलकर मर गई, और भक्त पहलाद बच गए इस प्रकार से बुराई पर अच्छाई की जीत हुई।
होली त्यौहार का मनाया जाना: भारतवर्ष के प्रत्येक गांव और शहरों में होली का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है, होली के कुछ दिन पहले से ही होली की तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं।गाँव में लोग लड़के घरों से चंदा मांगते हैं और होली का सामान इकट्ठा करते हैं, जिसमें लकड़ियाँ गोबर के उपले और प्रसाद पूजन सामग्री होती है। दुकाने विभिन्न रंगों, गुलालों, पिचकारियों, और मिठाईयों से सज जाती है।
पूर्णिमा के दिन रात्रि में होलिका दहन किया जाता है, माताऐं और बहने होलिका की पूजा करती है, गाँव के बड़े-बुजुर्ग होलिका के गीत (फागें) गाते हैं और गेहूँ की बालियों को होली की आग में भुना जाता है
तथा एक दूसरों को बांटा जाता है। दूसरे दिन सुबह होली का त्यौहार होता है, उस समय सभी लोगों में हर्ष और उल्लास का भाव देखने को मिलता है।
बच्चे बड़े ही उत्सुक होते हैं, दुकानों पर रंग गुलाल पिचकारी या आदि सामाग्रियों को खूब बिक्री होती हैं। लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते हैं और अपनी खुशी प्रकट करते हैं। इस दिन सभी लोग आपस में बैर भाव दुश्मनी भुलाकर मित्रतापूर्वक व्यवहार करते हैं। इसके पश्चात भाई दूज आता है, बहनें अपने भाइयों का तिलक करती है और भाई अपनी बहनों को उपहार और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
होली में असामाजिक गतिविधियाँ: होली एक पवित्र त्योहार है, इस दिन लोग एक दूसरे के बैर को भुलाकर मित्रतापूर्वक व्यवहार करते हैं और हमेशा एक दूसरे की सहायता करने का वचन देते हैं, किंतु आज के समय में होली जैसे पवित्र त्यौहार को लोग अपवित्र बनाने से नहीं चूकते लोग इस पवित्र त्यौहार को अपने कुकर्मो से गंदा बना देते हैं। लोग होली के दिन मांस-मदिरा का सेवन करते है, और एक दुसरे से लड़ते है,
अपशब्द कहते है, समाज में गन्दा वातावरण फैलाते है। कई लोग जुआ खेलते है और मेहनत से कमाया पैसा हारकर कई असामाजिक गतिविधियों को जैसे चोरी, रिश्वतखोरी, कालाबाजारी करने लगते है। वहीं लोगपक्के रंगों का उपयोग करते हैं, जिससे पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है साथ ही मनुष्य के शरीर पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
इसलिए रासायनिक रंगों का प्रयोग नहीं करके हर्बल रंगों का प्रयोग करना चाहिए और इन असामाजिक गतिविधियों को त्याग कर त्यौहार को पवित्र खुशहाल बनाना चाहिए।
उपसंहार: होली हिंदुओं का एक पवित्र त्यौहार है, लोग एक दूसरे के बैर और दुश्मनी को भुलाकर आपस में मित्रता और प्रेम को बढ़ाते हैं और एक दूसरे की सहयोग और मदद का वचन देते हैं, किंतु बहुत से लोग इस प्रकार की असामाजिक गतिविधियों करते हैं, जिससे होली जैसा पवित्र त्यौहार भी अपवित्र हो जाता है। अतः लोगों आसामाजिक गतिविधियों को ना करके समाज की मर्यादा और होली को खुशहाल त्यौहार बनाना चाहिए।
होली पर निबंध 500 शब्द में Eassy on Holi in 500 words
होली पर निबंध 500 शब्द में Eassy on Holi in 500 words:- प्रस्तावना: होली भारत के मुख्य त्यौहारों में से एक त्यौहार है क्योंकि यह एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन सभी लोग एक-दूसरे का खुलकर मजाक उड़ाते हैं। होली के दिन सभी बच्चे, बूढ़े, युवा रंगों से खेलते हैं। होली के पर्व को हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है। सभी लोगों के द्वारा इस दिन को एकत्र, प्यार, खुशी, सुख और जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। होली के पर्व को एक-दूसरे के साथ प्यार और खुशी जाहिर करने के लिए चमकीले और आकर्षक रंगों से होली को खेला जाता है।
रंगों का त्यौहार: भगवान श्री कृष्ण के जन्म से पहले होली को सिर्फ होलिकोत्सव के रूप में मनाया जाता था जिसमें होलिका दहन में नवान्न अर्पित किए जाते थे लेकिन जब भगवान श्री का जन्म हुआ तो उन्होंने इस त्यौहार को रंगों के त्यौहार में परिवर्तित कर दिया। एक बार होलिकोत्सव के दिन भगवान श्री कृष्ण के घर पूतना नाम की राक्षसी आई थी लेकिन कृष्ण ने उसका वध कर दिया था। जब कृष्ण युवा अवस्था में पहुंचे थे तो उन्होंने इस पर्व को गोपी-गोपिकाओं के साथ रासलीला और रंग खेलने के साथ-साथ रात में समय होलिका दहन करने की परंपरा बन गई थी।
बसंत का आगमन: जब प्रकृति में बसंत का आगमन होता है तो प्रकृति के अंग-अंग में यौवन फूटने लगता है तब होली का त्यौहार बसंत ऋतू का श्रंगार करने के लिए आता है। होली का पर्व एक ऋतू से संबंधित त्यौहार है। जब एक ऋतू यानि शीतकाल ऋतू की समाप्ति होती है तो ग्रीष्मकाल ऋतू का आगमन होता है और जब ये दोनों ऋतुएं मिलती हैं तो इन दोनों के मिलने से होने वाले संधिकाल को होली का त्यौहार कहा जाता है। जब शीतकाल ऋतू की समाप्ति होती है तो सभी किसान आनंद से भर जाते हैं क्योंकि यही वह समय होता है जब उनका साल भर यानि पूरी साल किया गया कठोर परिश्रम सफल होता है और उनकी फसल पकनी शुरू हो जाती है।
होली की तैयारियां: होली त्यौहार से एक दिन पहले सभी लोग गोबर, लकड़ी, घास आदि के ढेर को एक निश्चित स्थान पर लगा देते हैं। रात के समय निश्चित समय पर उस ढेर में आग लगा दी जाती है और उसके साथ पौराणिक कथाओं को भी याद किया जाता है। बहुत से लोगों का तो यह भी मानना है कि अगर आज के दिन परिवार के सभी सदस्यों के शरीर पर सरसों के उबटन से मसाज की जाए तो घर और मन से सारी गंदगी दूर हो जाती है और खुशियों तथा सकरात्मक शक्तियों का संचार होता है।
होलिका दहन के अगले दिन सभी लोग अपने मित्र, परिवार, सगे-संबंधियों को होली के त्यौहार की शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन बच्चों के लिए गुब्बारे, रंग, पिचकारियाँ, गुलाल आदि खरीदा जाता है जिसे देखकर बच्चे बहुत अधिक खुश होते हैं। होली के दिन सभी घरों में तरह-तरह की मिठाईयां, व्यंजन, पकवान बनाए जाते हैं।
उपसंहार: होली त्यौहार को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है जो हर साल फाल्गुन मास के महीने में मनाया जाता है। होली को हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार कहा जाता है लेकिन यह सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं बल्कि सभी लोगों का त्यौहार है। होली को सभी लोग एक नए उत्साह, आशा और जोश के साथ मनाते हैं। होली के त्यौहार पर लोग आपस में गले मिलते हैं, एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और होली के पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन लोग खासतौर पर पापड़, हलवा, गुजिया, पकोड़े आदि व्यंजन खाते हैं।
होली पर निबंध 200 शब्दों में
होली पर निबंध class 6
Holi par Nibandh 10 Line
होली पर निबंध 300 शब्दों में
होली पर निबंध 150 शब्दों में
Holi par nibandh in english
होली पर निबंध 500 शब्दों में
होली पर निबंध class 7
होली पर निबंध प्रस्तावना
होली पर निबंध class 2
होली पर निबंध class 10
होली पर निबंध प्रस्तावना class 8
1. होली पर 10 लाइनें कैसे लिखें?
होली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है जिसे हर साल धूम-धाम से मनाया जाता है।
Holi के दिन सभी लोग अपने रिश्तेदारों के घर जा कर एक दूसरे पर रंग लगाते हैं।
हर साल होली फागुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है।
होली के दिन सभी लोग अपने घरों में अलग-अलग पकवानों को बनाते हैं।
होली के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों व छात्रों को दो दिन का अवकाश दिया जाता है।
होलिका दहन को बुराई ख़त्म करने का प्रतीक माना जाता है।
हर साल होली के पहले दिन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन की जाती है।
होली के त्यौहार को भारत व अन्य देशों में भी मनाया जाता है।
होली के दिन सभी लोग अपनी दुश्मनी को भूल कर ख़ुशी से होली मनाते हैं।
सभी लोगों को होली के दिन गुलाल का प्रयोग करना चाहिए।
2. होली पर निबंध कैसे लिखाता है?
फागुन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है, जबकि उसके अगले दिन लोग एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार मानते हैं। होली रंगों का त्योहार है जिसे भारत समेत पूरे विश्व में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। होली का पर्व एकता और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन लोग धर्म जाति और भेदभाव भूलकर एक दूसरे को गले लगाते हैं।
3. होली पर निबंध होली क्यों मनाया जाता है?
हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकशिपु ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।
4. होली का त्योहार हमें क्या संदेश देता है?
भले विदेशों में मनाई जाने वाली होली का मौसम के हिसाब से समय और मनाने के तरीके अलग-अलग हो, पर संदेश सभी का एक ही है- प्रेम और भाईचारा। होली शीत ऋतु की विदाई और ग्रीष्म ऋतु के आगमन का सांकेतिक पर्व है।
5. होली का उपसंहार क्या है?
उपसंहार (conclusion) – होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार से सीख लेते हुए हमें भी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। इस त्यौहार से एक और सीख मिलती है कि कभी भी हमें अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारे सोचने समझने की शक्ति को बंद कर देता है।
6. होली ग्रेड 2 क्यों मनाई जाती है?
लोग खुशी के साथ गाते और नाचते हैं और मिठाई और ठंडाई का आनंद लेते हैं। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाती है । हर उम्र के लोग होली मनाते हैं। होली प्यार और भाईचारे का प्रतीक है।
7. होली के लिए क्या लिखें?
– दिल से होली मुबारक हो आपको बार बार, रंगीन हो आपकी दुनिया पूरी, होली का हर रंग मुबारक, मुबारक हो आपको होली का त्योहार! – खुशियों से हो न कोई दूरी, रहे न कोई ख्वाहिश अधूरी, रंगों से भरे इस मौसम में, रंगीन हो आपकी दुनिया पूरी. होली 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं!
8. 2023 में होली कब है?
7 मार्च 2023 को शाम 6 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट के बीच का समय होलिका दहन के लिए काफी शुभ है. होलिका दहन के बाद अगले दिन यानी 8 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी.
9. होली को क्या बनता है?
होली पर विशेषकर गुजिया (gujia) तो बनाई जाती ही है. इसके अतिरिक्त पारंपरिक तौर पर दही वड़ा (dahi vada), मालपुआ (maalpua), कांजी वड़ा (kaanji vada), मठरी (mathri), शकरपारा (shakarpara), नमकपारा (namakpara) और बेसन के सेव (besan sev) इत्यादि भी बनाए जाते हैं.
10. होली की शुरुआत कैसे हुई?
– हिरण्यकश्यप के मरने से पहले ही होलिका के रूप में बुराई जल गई और अच्छाई के रूप में भक्त प्रहलाद बच गए। – उसी दिन से होली को जलाने और भक्त प्रहलाद के बचने की खुशी में अगले दिन रंग गुलाल लगाए जाने की शुरुआत हो गई। – इतिहास के जानकार हरिओम दुबे बताते हैं कि एरच को भक्त प्रहलाद की नगरी के रूप में ही जाना जाता है।
11. होली पर गाए जाने वाले गीत को क्या कहते हैं?
फाग होली के अवसर पर गाया जाने वाला एक लोकगीत है। यह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का लोक गीत है पर समीपवर्ती प्रदेशों में भी इसको गाया जाता है। सामान्य रूप से फाग में होली खेलने, प्रकृति की सुंदरता और राधाकृष्ण के प्रेम का वर्णन होता है।
12. होली से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि हमें प्रभु की भक्ति को समझना चाहिए। प्रभु के अलावा किसी को ईश्वर नहीं मानना चाहिए। जिस तरह की प्रहलाद ने ईश्वर की भक्ति को ही सर्वोपरि माना।
13. होली के रंगों का क्या मतलब है?
हर रंग का एक अर्थ भी होता है। लाल प्यार और उर्वरता का प्रतीक है; पीला हल्दी का रंग है, जो भारत का मूल पाउडर है और इसका उपयोग प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता है; नीला हिंदू भगवान कृष्ण का प्रतिनिधित्व करता है; और हरा रंग नई शुरुआत के लिए है ।
14. होली से क्या लाभ है?
होली के जीवंत रंगों के संपर्क में आने से हमारे मन और शरीर को कई तरह से लाभ हो सकता है। लाल और चमकीले रंग दिल की धड़कन और श्वास को उत्तेजित करते हैं। पीला और नीला रंग हमारी इंद्रियों पर शांत प्रभाव डालते हैं और हमें आनंद और खुशी का अनुभव कराते हैं।
15. होली किसकी बेटी थी?
होलिका हिरण्याक्ष एवं हिरण्यकसिपु नामक दैत्यों की बहन और कश्यप ऋषि और दिति की कन्या थी । जिसका जन्म जनपद- कासगंज के सोरों शूकरक्षेत्र नामक स्थान पर हुआ था।
16. होली मां कौन थी?
इस कथा के अनुसार, असुर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद श्रीहरि भगवान विष्णु के परम भक्त थे. यही बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी. स्वंय को भगवान मानने वाले हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को आठ दिनों तक कड़ी यातनाएं दीं. उसने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान की भक्ति से विमुख करने का कार्य अपनी बहन होलिका को सौंपा.
17. होली के पिता का क्या नाम था?
उसके पिता राजा थे। उनका नाम हिरण्यकश्यप था और वे बहुत बड़े नास्तिक थे। वे भगवान को नहीं मानते थे।
18. हैप्पी होली को इंग्लिश में क्या बोलते हैं?
होली के शुभ दिन पर, भगवान हम सभी को अच्छे स्वास्थ्य, धन, शांति, आनंद और खुशी का आशीर्वाद दें । घर में सभी को होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह होली 2023 आपके जीवन में बहुत सारे और बहुत सारे रंगीन मौसम और दिन लाए, जो ढेर सारी खुशियों और प्यार से भरे हों। आपको होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
19. होली कब मरेगी?
Holi 2023 date: इस बार होलिका दहन का त्योहार 7 मार्च और होली 8 मार्च को मनाई जाएगी. चूंकि होली बुध को पड़ रही है, ऐसे में अगर आप अपने होमटाउन से बाहर रह रहे हैं तो घर जाकर आराम से रंगों का त्योहार मना सकते हैं. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है.
20. होली का मौत कब है?
इस साल होलिका दहन का मुहूर्त अत्यंत छोटा है। पुरोहित पंकज कुमार पांडेय के अनुसार, 7 मार्च 2023 को शाम 6 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट के बीच का समय होलिका दहन के लिए काफी शुभ है.
21. होली कैसे जाने?
होली हम कैसे मनाते हैं? पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है।
22. होली पर हम रंगों से क्यों खेलते हैं?
‘होली’ वसंत की शुरुआत का प्रतीक है । एक दूसरे को रंग फेंकना इस पर्व की निशानी है। इसलिए, इसे अक्सर रंगों का त्योहार कहा जाता है। पौराणिक रूप से, होली राक्षस राजा हिरण्यकश्यप और उनके पुत्र प्रह्लाद और बहन होलिका की कथा से जुड़ी हुई है।
23. होली का जन्म कब हुआ?
जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र (लगभग 400-200 ईसा पूर्व) के अनुसार होली का प्रारंभिक शब्द रूप ‘होलाका’ था। जैमिनी का कथन है कि इसे सभी आर्यों द्वारा संपादित किया जाना चाहिए। ज्ञात रूप से यह त्योहार 600 ईसा पूर्व से मनाया जाता रहा है।
24. रंगों का त्योहार क्यों?
इस पर्व के संबंध में ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी दुश्मनी, कटुता को भूला कर एक-दूसरे के गले मिलते हैं और मिठाइयों के साथ उत्साहपूर्वक इस त्योहार को मनाते हैं। होली से रंगपंचमी तक इस त्योहार का आनंद और उत्साह सभी जगह देखने को मिलता है।
25. होली के त्योहार का मुख्य संदेश क्या है?
अब, होली महोत्सव का एक मुख्य फोकस बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है । हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत हिरण्यकशिपु की कहानी में निहित है। वह एक प्राचीन राजा था जिसने अमर होने का दावा किया और एक देवता के रूप में पूजा करने की मांग की।